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Thursday, August 27, 2009

आज दिन चढेया...

आज दिन चढेया

तेरे रंग वर्गा

फूल सा है खिला

आज दिन रब्बा मेरे दिन भी न ढले

वोह जो मुझे खवाब में मिले

उसे तू लगादे अब गले

तेनु दिल दा वास्ता

रब्बा आया दर दे यार के

सारा जहाँ छोड़ छाड़ के

मेरे सपने सवार दे

तेन्नु दिल दा वास्ता

आज दिन चढेया

तेरे रंग वर्गा


बख्शा गुनाहों को सुन के दुवो को

रब्बा प्यार है तुने सब को ही दे दिया

मेरी भी आहों को सुन ले दुवो को

मुझको वोह दिला मैंने जिसको है दिल दिया

आस वो प्यास वो

उसके दे इतना बता

वोह जो मुझको देख के हसे

पाना चहुँ रात दिन जिसे

रब्बा मेरे नाम कर उसे

तेनु दिल दा वास्ता

आज दिन चढेया

तेरे रंग वर्गा


माँगा जो मेरा है जाता क्या तेरा है

मैंने कौन सी तुझसे जन्नत मांग ली

कैसा खुदा है तू बस नाम का है तू

रब्बा जो तेरी इतनी सी भी न चली

चाहिए जो मुझे

कर दे तू मुझको अता

जीती रहे सल्तनत तेरी

जीती रहे आशिकी मेरी

देदे मुझे ज़िन्दगी मेरी

तेनु दिल दा वास्ता

रब्बा मेरे दिन भी न ढले

वोह जो मुझे खवाब में मिले

उसे तू लगादे अब गले

तेनु दिल दा वास्ता

रब्बा आया दर दे यार के

सारा जहाँ छोड़ छाड़ के

मेरे सपने सवार दे

तेन्नु दिल दा वास्ता

आज दिन चढेया

तेरे रंग वर्गा

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