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Thursday, November 26, 2009

तुम मिले...

तू ही मेरी है सारी ज़मीन
चाहे कहीं से चलूं
तुझ में ही आके रुकु

तेरे सिवा मैं जाऊं कहाँ
कोई भी राह चुनु
तुझ में ही आके रुकु

तुम मिले तो लम्हें थम गये
तुम मिले तो सारे गुम गये
तुम मिले तो मुस्कुराना आ गया

तुम मिले तो जादू छा गया
तुम मिले तो जीना आ गया
तुम मिले तो मेने पाया है खुदा

तुझ में किनारा दिखे
दिल को सहारा दिखे
आ मेरी धड़कन थम ले

तेरी तरफ ही मुड़े
यह सास तुझसे जुड़े
हर पल यह तेरा नाम ले

तुम मिले तो अब क्या है कमी
तुम मिले तो दुनिया मिल गई
तुम मिले तो मिल गया असरा

तुम मिले तो जादू छा गया
तुम मिले तो जीना आ गया
तुम मिले तो मेने पाया है खुदा

दिन मेरे तुझसे चले
रातें भी तुझसे ढले
है वक़्त तेरे हाथ में

तू ही शहर है मेरा
तुझ में ही घर है मेरा
रहता है तेरे साथ में

तुम मिले तो मिल गया हम सफ़र
तुम मिले तो खुद की है खबर
तुम मिले तो रिश्ता सा बन गया


तुम मिले तो जादू छा गया
तुम मिले तो जीना आ गया
तुम मिले तो मेने पाया है खुदा

Sunday, November 8, 2009

तेव्हा तुझी आठवण येते ....

कोणत्या मधुर रात्रि जेव्हा कोनी सोबत नसते
तेव्हा तुझी आठवण येते ...
आकाशात जेव्हा एकट्या चंद्राला बघत असतो
तेव्हा तुझी आठवण येते ...
जेव्हा कोणती कविता मनात येते त्याच्या पहिला शब्द तू असते
तेव्हा तुझी आठवण येते ...
कोण्या सायंकाळी एकटे फिरत असताना मन जेव्हा उदास होते
तेव्हा तुझी आठवण येते ...

रात्रि झोपताना जेव्हा विचार करतो
तेव्हा तुझी आठवण येते ...
आरश्यात जेव्हा स्वताहाचा चेहरा बघतो तेव्हा
तेव्हा तुझी आठवण येते ...
मित्रांच्या गर्दित जेव्हा माला एकटेसे वाटते
तेव्हा तुझी आठवण येते ...
जेव्हा मी माझ्या आयुष्यातले प्रत्येक क्षण मोजतो
तेव्हा तुझी आठवण येते ...

स्वपनाताही तुझीच आठवण येते ,
जेवातानाही तुझीच आठवण येते ,
बोलतानाही तुझीच आठवण येते ,
गर्दीतही तुझीच आठवण येते ,
एक क्षण संपतो जेव्हा
तेव्हा तुझी आठवण येते ...!!

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SuMeSh

Tuesday, November 3, 2009

तू जाने ना ...

कैसे बताए क्यूँ तुझको चाहे
यारा बता ना पाए
बातें दिलों की देखो जो बाकी आँखे तुझे समझाएँ
तू जाने ना
तू जाने ना

तू जाने ना
तू जाने ना

मिल के भी
हम ना मिले
तुमसे ना जाने क्यूँ
मीलों के है फ़ासले
तुमसे है जाने क्यूँ
अंजाने हैं सिलसिले
तुम से ना जाने क्यूँ
सपने है पलकों तले
तुम से ना जाने क्यूँ

कैसे बताए क्यूँ तुझको चाहे
यारा बता ना पाए
बातें दिलों की देखो जो बाकी आँखे तुझे समझाएँ
तू जाने ना
तू जाने ना

निगाहों में देखो मेरी जो है बस गया
वो है मिलता तुमसे हू बहू

जाने तेरी आँखें थी या
या बातें थी वजह
हुए तुम जो दिल की आरज़ू
तुम पास हो के भी
तुम आस हो के भी
एहसास हो के भी
अपने नही

ऐसे है अपने गीले
तुम से ना जाने क्यूँ

मीलों की है फ़ासले
तुमसे है जाने क्यूँ
तू जाने ना
तू जाने ना

ख़यालों में लाखों बातें
यूँ तो कह गया
बोल कुछ ना तेरे सामने
हुए ना बेगाने भी तुम
होके और के
देखो तुम ना मेरे ही बने

अफ़सोस होता है
दिल भी यह रोता है
सपने संजोता है
पगला हुआ सोचे ये
हम थे मिले
तुम से ना जाने क्यूँ

मीलों की है फ़ासले
तुमसे है जाने क्यूँ
अंजाने हैं सिलसिले
तुम से ना जाने क्यूँ
सपने है पलकों तले
तुम से ना जाने क्यूँ

कैसे बताए क्यूँ तुझको चाहे
यारा बता ना पाए
बातें दिलों की देखों ज़ुबान की आँखे तुझे समझाएँ
तू जाने ना
तू जाने ना

तू जाने ना
तू जाने ना

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