Powered By Blogger

Tuesday, November 3, 2009

तू जाने ना ...

कैसे बताए क्यूँ तुझको चाहे
यारा बता ना पाए
बातें दिलों की देखो जो बाकी आँखे तुझे समझाएँ
तू जाने ना
तू जाने ना

तू जाने ना
तू जाने ना

मिल के भी
हम ना मिले
तुमसे ना जाने क्यूँ
मीलों के है फ़ासले
तुमसे है जाने क्यूँ
अंजाने हैं सिलसिले
तुम से ना जाने क्यूँ
सपने है पलकों तले
तुम से ना जाने क्यूँ

कैसे बताए क्यूँ तुझको चाहे
यारा बता ना पाए
बातें दिलों की देखो जो बाकी आँखे तुझे समझाएँ
तू जाने ना
तू जाने ना

निगाहों में देखो मेरी जो है बस गया
वो है मिलता तुमसे हू बहू

जाने तेरी आँखें थी या
या बातें थी वजह
हुए तुम जो दिल की आरज़ू
तुम पास हो के भी
तुम आस हो के भी
एहसास हो के भी
अपने नही

ऐसे है अपने गीले
तुम से ना जाने क्यूँ

मीलों की है फ़ासले
तुमसे है जाने क्यूँ
तू जाने ना
तू जाने ना

ख़यालों में लाखों बातें
यूँ तो कह गया
बोल कुछ ना तेरे सामने
हुए ना बेगाने भी तुम
होके और के
देखो तुम ना मेरे ही बने

अफ़सोस होता है
दिल भी यह रोता है
सपने संजोता है
पगला हुआ सोचे ये
हम थे मिले
तुम से ना जाने क्यूँ

मीलों की है फ़ासले
तुमसे है जाने क्यूँ
अंजाने हैं सिलसिले
तुम से ना जाने क्यूँ
सपने है पलकों तले
तुम से ना जाने क्यूँ

कैसे बताए क्यूँ तुझको चाहे
यारा बता ना पाए
बातें दिलों की देखों ज़ुबान की आँखे तुझे समझाएँ
तू जाने ना
तू जाने ना

तू जाने ना
तू जाने ना

No comments:

Total Pageviews