इंद्र जीमी जंभ पर
वाघवसु अंभ पर
रावणस दंभ पर
रघुकुलराज है॥
पौन पारी बाह पर
संभु रति नाह पर
ज्यो साहस बाह पर
राम द्विजराज है!!!...
उदयात माउली,
रयतेस साउली,
गडकोट राउली,
शिवशंकर हा॥
मुक्ति ची मंत्रणा,
युक्ति ची यंत्रणा,
खळदुष्ट दूर्जना
प्रलयंकर हा
संतांस रक्षितो,
शत्रु नीखंडतो,
भावंड भावना संस्थापीतो॥
ऐसा युगे युगे स्मरणीय सर्वदा,
माता पिता सखा शिवभुप तो!!!
दावा द्रुमदंड पर
चीता म्रुग झुंड पर
वृषण वीतुंड पर
जैसे मृगराज है!!!...
तेज तम अंस पर
कंढ जिमी कंस पर
त्योमलीचबंस पर
सेर सीवराज हैं!!!॥
|| जय भवानी! जय शिवाजी! ||
|| जय भवानी! जय शिवाजी! ||
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