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Wednesday, September 15, 2010

आज कल ज़िंदगी...

आज कल ज़िंदगी मुझसे है कह रही
तू जो मेरी माने तो चल दीवाने
सपनों की रह में तू
सारी खुशबूओको सारी रोशनी को
ले ले इन बाहो में तू

अब है तू जहाँ दिन रात सारे नये है
आरज़ू जवान जज़्बात सारे नये है
नये रास्तें है तेरे वास्ते तो रहे क्यूँ पनाहो में तू

तेरे लिए नयी है ज़मीन नया आसमान
लिख दे हवाओं में कोई नयी दास्तान..

ज़िंदगी ने दस्तक दी तो
दिल की सब खिड़कियाँ… खुल गयी
होटो पे जो जमी थी वो
सारी खामोशियाँ... घुल गयी

कितने लम्हो ने मुझको हो जैसे हैरान किया
कितनी बातो ने दिल को आके है छू लिया
चाहतें काई है दिल में अब जगमगाई
राहते काई है मुझसे कहने को आई
पहचान सारी मुस्काने सारी भर ले निगाहों में तू

तेरे लिए नयी है ज़मीन नया आसमान
लिख दे हवाओं में कोई नयी दास्तान..

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