Powered By Blogger

Friday, June 4, 2010

छूकर मेरे मन को...

छूकर मेरे मन को
किया तूने क्या इशारा
बदला ये मौसम
लगे प्यारा जग सारा

तू जो कहे जीवन भर
तेरे लिए मैं गाऊँ
गीत तेरे बोलों पे
लिखता चला जाऊं

मेरे गीतों में
तुझे ढूंडे जाग सारा

आजा तेरा आँचल ये
प्यार से मैं भर दूं
खुशियाँ जहाँ भर की
तुझपे नज़र कर दूं

तू ही मेरा जीवन
तू ही जीने का सहारा

छूकर मेरे मन को
किया तूने क्या इशारा

No comments:

Total Pageviews