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Friday, June 17, 2011

देर लगी लेकिन...

देर लगी लेकिन
मैने अब है
जीना सीख लिया
जैसे भी हो दिन
मैने अब है
जीना सीख लिया
अब मैने…
ये जाना है
खुशी है क्या
गम क्या..
दोनो ही
दो पल की है रूतें
ना यह ठहरे ना रुकें
ज़िंदगी दो रंगों से बने
अब रूठे अब मने
ये ही तो है
ये ही तो है
यहाँ..

देर लगी लेकिन
मैने अब है
जीना सीख लिया
आँसुओं के बिन
मैने अब है
जीना सीख लिया
अब मैने..
ये जाना है
किसे कहूँ अपना
है कोई
जो ये मुझसे कह गया
यह कहाँ तू रह गया
ज़िंदगी तो है जैसे कारवाँ
तू है तनहा कब यहाँ
सभी तो है
सभी तो है
यहाँ..

कोई सुनाए जो
हस्ती मुस्कुराती कहानी
कहता है दिल
मैं भी सुनू
आँसू के मोती हो
जो किसी के निशानी
कहता है दिल
मैं भी चुनु
बाहे दिल की
हो बाहो में
चलता चालू
युहीन राहों में
बस युहीन
अब यहाँ
अब वहाँ

देर लगी लेकिन
मैने अब है
जीना सीख लिया
आँसुओं के बिन
मैने अब है
जीना सीख लिया

है कोई
जो यह मुझसे कह गया
यह कहाँ तू रह गया
ज़िंदगी तो है जैसा कारवाँ
तू है तनहा कब यहाँ
सभी तो है
सभी तो है
यहाँ..


-Zindagi Milegi Na Dobara

1 comment:

विनित धारणकर said...

Beautiful song. Thanks for lyrics in Devnagari.

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