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Sunday, October 24, 2010

मायेरी

तेरी या मेरी या
पुल गया
पुल गया हार ते जीत
हे माए की करना में जीत नू
होवे ना जे मीत
होवे ना जे मीत

बिंदिया लगाती तो
कापती थी पलकें मेरी
चुन्निया सजाके वो देती वादें कलके मायेरी
मेरी हातों में था उसका हाथ
थी चाशनी सी हर उसकी बात
मायेरी आप ही हस्दी
मायेरी आप ही रोंदी
मायेरी याद वो याद वो आएरि
गल्लां करदी
मायेरी आंख नाल लड़ दी
मायेरी याद वो याद वो आएरि

अब क्या करूँ कहाँ से कहूँ आ मायेरी
अब क्या करूँ कहाआँ से कहूंन आ मायेरी

दुनिया पराई छोड़ के आजा
झूठे सारे नाते तोड़ के आजा
सौ राबदी तुझे एक वारी आजा
अब के मिले तो होंगे ना जुदा
ना जुदा ना जुदा
हो हूँ ते ओ आए कोई किदे आए
मायेरी याद वो याद वो आएरि

गल्लां ओ करदी
मायेरी अखँ नाल लड़ दी
मायेरी याद वो याद वो आएरि

भूल गयी मेरा प्यार
माए बस लगे महीने चार
मायेरी याद वो याद वो आएरि याद वो आई
मायेरी याद वो आई
मायेरी याद वो याद वो आएरि

अब क्या करूँ कहाँ से कहूँ आ मायेरी
अब क्या करूँ कहाँ से कहूंन आ मायेरी

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